दिल्लीवालों को सड़कों पर अंधेरा नहीं, रोशनी चाहिए! #LightUpDelhi #WeWalk

दिल्लीवालों को सड़कों पर अंधेरा नहीं, रोशनी चाहिए! #LightUpDelhi #WeWalk
यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

नेहरू प्लेस स्टेशन पर मेरा पीछा किया गया, मुझे छेड़ा गया और अगर उनका बस चलता तो शायद उस शाम वो मेरे साथ कुछ और भी बुरा कर सकते थे। मैं उनसे निवेदन करती रही, इस डर से कि कहीं चिल्लाने की वजह से वो और कुछ ना कर दें।
उस पल मुझे अपनी परिस्थिति पर गुस्सा आ रहा था कि मैं चाहकर भी कुछ नहीं कर सकती थी। मैं खुशकिस्मत थी कि उस शाम बच गई, पर बहुत से लोग नहीं होते हैं।
आए दिन मेरी तरह ही कई बच्चे, महिलाएं और पुरुष भी ऐसी घटनाओं का शिकार होते हैं। कहीं अंधेरे का फायदा उठाकर किसी को लूट लिया जाता है, किसी के बच्चे को अगवा कर लिया जाता है तो किसी के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध भी होता है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, अपराध के मामलों में 19 शहरों में दिल्ली का स्थान सबसे ऊपर है। सेफ्टीपिन नामक एक संस्था ने एक सर्वे किया और पाया कि दिल्ली में 7400 डार्क स्पॉट यानी वो जगहें जहां अंधेरा होता है।
बाकी जगहों पर स्ट्रीट लाइट तो लगी होती है पर कहीं वो काम नहीं करती है तो कहीं पेड़ों से ढंकी होती है। रोशनी की वजह से नागरिकों में एक सुरक्षा की भावना आती है और दिल्ली सरकार की ज़िम्मेदारी है कि वो हमारी सड़कों को सुरक्षित बनाए।
2012 में बेकसूर निर्भया के साथ हुए हादसे के बाद नागरिकों की सुरक्षा निरंतर ही चर्चा का विषय रही है। तब से अब तक ज़्यादा कुछ बदला नहीं है, लेकिन सरकार बिना जवाब दिए पल्ला नहीं झाड़ सकती है। दिल्ली की सड़कों और गलियों को रोशन कर के, उन्हें अंधेरे से दूर कर के आम लोगों की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है।
इसका एक आसान सा समाधान है--दिल्ली में मेट्रो सबसे सुरक्षित ट्रांस्पोर्ट व्यवस्था मानी जाती है और दिल्ली वासियों का इसपर भरोसा है। दिल्ली मेट्रो की इस सुरक्षा के दायरे को और बढ़ाया जाना चाहिए ताकि मेट्रो से उतरकर रिक्शा पकड़ना हो या अपने घर तक चलकर जाना हो, हम सुरक्षित अपनी मंजिल तक पहुंचे।
आइये इसके लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमेटेड(DMRC) से मांग करें कि-
- महत्वपूर्ण सार्वजनिक जगहों पर रोशनी की व्यवस्था को लेकर एक रिपोर्ट जारी की जाए।
- मेट्रो स्टेशन के 1 किलोमीटर के दायरे में हर फुटपाथ और वॉकवे को सोलर एलईडी लाइट्स से रोशन किया जाए।
निर्भया के बाद से दिल्ली पर एक ऐसा दाग लगा है, जो कई कोशिशों के बाद भी धुलता नहीं है। हमें मिलकर पहल करनी है ताकि दिल्ली की सड़कों को, इसकी गलियों को सुरक्षित बनाया जा सके।
मैं आप सब से निवेदन करती हूं कि इस पेटीशन पर हस्ताक्षर करें ताकि हम सरकार को दिल्ली की सड़कों को सुरक्षित बनाने पर मजबूर कर दें।
इस पेटीशन को अन्य लोगों से भी शेयर करें ताकि अगली बार दिल्ली की सडकों पर आपको रोशनी मिले ना कि अंधेरा; ताकि अगली बार देश की राजधानी की सड़कों पर निकलते वक्त आपको डर ना लगे। #LightUpDelhi #We Walk