रेस्टोरेंट में पूरा नहीं, आधा ग्लास पानी मँगवाएं #GlassHalfFull

रेस्टोरेंट में पूरा नहीं, आधा ग्लास पानी मँगवाएं #GlassHalfFull

2020 की नेशनल न्यूज़: पानी की कमी से बेंगलुरू शहर में कई लोगों की मौत!!!
हमारे इस प्यारे शहर का जलस्तर लगातार कम हो रहा है, कहा जा रहा है कि कुछ ही सालों में ये रहने के लायक नहीं रहेगा। पानी के बिना जीवन संभव ही नहीं, ये जानते हुए भी हम आए दिन पानी को बिना सोचे बरबाद करने से बाज़ नहीं आते हैं।
बेंगलुरू मेरा घर है, और ये ख्याल कि एक दिन ये बचेगा ही नहीं, मुझे झकझोर कर रख देता है। सिर्फ मैं ही नहीं, यही कहानी हर उस शख्स की है जिसके लिए ये बस एक शहर नहीं, बल्कि उसका घर है।
हर साल 1 करोड़ 40 लाख लीटर पानी, हम रेस्टोरेंट के ग्लास में पानी छोड़कर बरबाद कर देते हैं। हम रेस्टोरेंट में पानी मँगवाते हैं, एक घूँट पीते हैं और बाकी का छोड़ देते हैं, जो फेंक दिया जाता है। हम इसे आसानी से रोक सकते हैं!
रेस्टोरेंटों में पानी की ये बरबादी रोकने के लिए मैं पिछले 2 साल से वाय वेस्ट(whywasteorg.com) नाम की वेबसाइट चला रही हूँ। हमने कई रेस्टोरेंटों को दौरा किया पर मुझे एहसास हुआ कि उन्हें मनाना कितना मुश्किल है। कितनी बार तो हमें बेरुखी से बाहर भगा दिया जाता है, इसलिए हमें आपकी मदद की ज़रूरत है। अगर हम में से हर कोई रेस्टोरेंटों तक इस बात को पहुँचा पाएगा तो ये एक बड़ी कामयाबी होगी।
ये पेटीशन नेशनल रेस्टोरेंट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और बेंगलुरू शहर के सभी रेस्टोरेंट मालिकों को भेजा जाएगा। वो कुछ लोगों की आवाज़ को अनसुना कर सकते हैं, लेकिन उन्हें इस पेटीशन पर आए हज़ारों हस्ताक्षर का जवाब तो देना ही होगा।
कहा जाता है कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा, आप इस युद्ध को रोक सकते हैं। आप वो बदलाव बन सकते हैं जिससे लोग रेस्टोरेंट में पूरा नहीं, आधा ग्लास पानी मँगवाएंगे #GlassHalfFull. आप दुनिया को बस इस एक सवाल से बदल सकते हैं--आज मैंने कितना पानी बचाया?
अगर हर रेस्टोरेंट और हर निवासी पानी को बरबाद होने से बचाएगा तो हम इतना पानी इकट्ठा कर सकेंगे कि शहर की एक सूख चुकी झील को 2020 तक दुबारा भर सकेंगे।
मेरी पेटीशन पर हस्ताक्षर करें ताकि बेंगलुरू शहर के रेस्टोरेंटों के ग्लास में आधा ग्लास पानी परोसा जाए। वेटरों से गुज़ारिश है कि वो आधा ग्लास पानी ही भरें। एक ग्राहक के रूप में आप भी ये मांग करें ताकि पानी बरबाद ना हो।
पानी जैसी बहुमूल्य चीज़, जिसे हमने कूड़े के बराबर बना दिया--उसको बचाने की दिशा में इसे अपना पहला कदम समझिए।
आइये पानी को रोज़ बरबाद होने से बचाएं। आइये गिनना शुरू कर दें कि एक दिन में हमने कितना पानी बचाया।
चलिए एक बड़े मकसद की तरफ एक छोटा सा कदम बढ़ाते हैं। चलिए अपने ग्लास को आधा भरते हैं, #पानीबचाओ #खुदकोबचाओ