ट्विटर इंडिया, जातिवाद बंद करो !

ट्विटर इंडिया, जातिवाद बंद करो !

1,099 लोगों ने साइन किए। 1,500 हस्ताक्षर जुटाएं!
शुरू कर दिया
को पेटीशन
ट्विटर इंडिया और

यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

द्वारा शुरू किया गया Hansraj Meena

हम एक ऐसे दौर में जी रहे हैं जहाँ नफ़रत वेरिफाइड है और सच अनवेरिफाइड। झूठ की पहचान है, और सच गुमनाम।

मेरा ट्विटर अकाउंट कई बार ससपेंड किया गया है।

प्रोफेसर दिलीप मंडल को भी इसी समस्या का सामना करना पड़ा।

हम में से कई ग़ैर राजनैतिक कार्यकर्ताओं और एक्टिविस्टों को ट्विटर पर रहने के लिए, लिखने के लिए, अपनी आवाज़ उठाने के लिए, हर दिन लड़ना पड़ता है।

ट्विटर का 'ब्लू टिक’ अधिकतर उच्च जाति के लोगों को मिलता है। उनके खिलाफ़ ट्विटर बहुत कम कार्रवाई भी करता है। ऐसे अकाउंट चाहे भड़ाकऊ या नफ़रत भरे ट्वीट करें, चाहे उनके फॉलोवर्स कम हों, उन्हें ब्लू टिक मिल ही जाता है।

मगर दूसरी तरफ़ हमारे जैसे दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, पिछड़े समुदाय के कार्यकर्ता, जो असल और ज़मीनी मुद्दों पर बात करें, उनको सालों साल ‘ब्लू टिक’ की प्रतीक्षा करनी पड़ती है। हमें रोज़-रोज़ तकलीफ उठानी पड़ती है, बताना पड़ता है कि हम सच बोल रहे हैं।

इसके बावजूद हमारी ट्रोलिंग और हमारे अकाउंट को बंद कराने की रिपोर्ट कम नहीं होती। लेकिन अब बहुत हो गया!

मैंने ये पेटीशन शुरू की है क्योंकि हमें दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक एवं पिछड़े समुदाय के प्रति ट्विटर का ये रवैया बदलना है। अगर हम जीवन में जातिवाद के खिलाफ़ लड़ सकते हैं तो ऑनलाइन भी लड़ सकते हैं।

कई दलित, आदिवासी, पिच्छड़े तबके के कार्यकर्ता औपचारिक रूप से हक़ और मानवधिकार के मुद्दे जैसे नौकरी, अस्मिता, पक्षपात आदि जैसे मुद्दों पर लिखते हैं और खुले आम विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर बात चीत करते हैं, उनको खासकर वेरिफिकेशन मिलना चाहिएIट्विटर को इन सामाजिक कार्यकर्ताओं के एकाउंट्स वेरीफाई करने होंगे या फिर सारे वेरिफिकेशन्स ख़त्म करने होंगे।

मैंने अपने अकाउंट के वेरिफिकेशन के लिए कई बार ट्विटर से अनुरोध किया है। ये पेटीशन ट्विटर इंडिया से हम सभी के अकाउंट वेरीफाई करने की मांग कर रही है।

मेरी पेटीशन पर हस्ताक्षर करें और तब तक शेयर करते रहें जबतक हमें आधिकारिक जवाब नहीं मिल जाता। हमारा साथ दें और ऑनलाइन दुनिया में भी जातिवाद से लड़ने में हमारी मदद करें।

 

1,099 लोगों ने साइन किए। 1,500 हस्ताक्षर जुटाएं!