Graduate engineers of Railways should be given Group B gazetted status

Graduate engineers of Railways should be given Group B gazetted status

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2,500 साइन के बाद इस पेटीशन को स्थानीय मीडिया द्वारा कवर किए जाने की संभावना बढ़ सकेगी!
BHAWANI SINGH MEENA ने RAIL MINISTER OF INDIA और को संबोधित करके ये पेटीशन शुरू किया

सादर अभिवादन एवं नमस्कार!

                             भारतीय रेल देश के विकास की धुरी हैं और इस धुरी के सुचारु रूप से उत्पादन, देखरेख और संचालन में उन 60000  रेल इंजीनियरों का बड़ा  ही महत्वपूर्ण रोल रहता  हैं, जो हर मोसम  में  दिन रात 24 घंटे अपनी ड्यूटी निभाते चले आ  रहे हैं |

                         

                               भारतीय रेल के  सभी अराजपत्रित अभियंताओं की ओर से  रेलवे की वर्तमान पद व्यवस्था जनित घोर सामाजिक मानसिक एवं पारिवारिक अनादर व् पीड़ा वर्षों से सहन करते हुए विवशतावश इस पिटिशन के माध्यम से आपसे न्याय  माँगा  जा रहा हैI महोदय इस देश में आज भी जनमानस में यह प्रसिद्द उक्ति है कि " मैं अपने  बच्चे को बड़ा होने पर इंजीनियर /डॉक्टर बनाऊंगा क्योंकि इस देश में यह पद शिक्षा और शिक्षोपरांत करियर की दृष्टि से प्रतिष्ठित और सम्मानीय  माने जाते हैं यह जनविश्वास है कि यदि कोई  व्यक्ति यदि अपनी शिक्षा से इंजीनियर /डॉक्टर है तो उसने कठिन परिश्रम से यह उपाधि  हासिल की होगी जिसे न सिर्फ़ आगामी जीवन की सफलता की कुंजी के रूप में देखा जाता है बल्कि महत्तर जन उत्तरदायित्व के जीवन के रूप में भी देखा जाता हैI यह दृढ़ जनअवधारणा भी है की इंजीनियर/डॉक्टर जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रम के बाद व्यक्ति राजकीय या निजी क्षेत्र में अधिकारी पद ही प्राप्त करता है न कि सामान्य कर्मचारी पद I परन्तु महोदय यदि हम सब आपके सामने एक तथ्य लाएं तो संभवतः आप भी उससे परिचित नहीं होंगे-"भारतीय रेल में इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा/पूर्व की SCRA परीक्षा को छोड्कर प्रमुखत: रेलवे चयन बोर्ड (RRB)से चयनित इंजीनियरों (न सिर्फ़ डिप्लोमा धारक बल्कि B.Tech./B.E.etc डिग्रीधारक भी) को सामान्य क्लास-3 कर्मचारी स्तर पर भर्ती किया जा रहा है”I

  • सभी केन्द्रीय और राज्य सेवाओं में भारतीय रेलवे अकेला ऐसा विभाग हैं, जिसमें आज भी ग्रुप बी के लिए कोई सीधी भर्ती नहीं होती हैं|
  • RRB द्वारा लेवल-7 के SSE की भर्ती के लिए योग्यता इंजीनियरिंग डिग्री रखने के बावजूद ग्रुप सी में ही रखा जाता हैं, वहीं SSC द्वारा विभिन्न विभागों में लेवल-6 पर डिप्लोमा वाले जूनियर इंजीनियरों की भर्ती भी ग्रुप बी में की जाती हैं|
  • रेल के अंदर बहुत से ऐसे इंजीनियर अधिकारी भी मिल जायेगे, जिनके पास तकनीकी योग्यता के नाम पर डिप्लोमा भी नहीं होगा, वहीं सैंकड़ों क्लास-3 अभियंता ऐसे भी मिल जायेगे, जिनके पास उच्च प्रोफेशनल योग्यता होने के बावजूद पिछले 20-25 सालों में एक भी प्रोमोशन नहीं मिला होगा|

     महोदय ये प्रथम दृष्टि विस्मयकारी एव चौंका देने वाला तथ्य लगता है परंतु यह एक कड़वा सत्य है भारत के सबसे बड़े राजकीय नियोक्ता भारतीय रेल का I यहां तक कि आज के समय में केंद्र/राज्य सरकार का एक प्रवर अधीनस्थ लिपिकवर्गीय कर्मचारी भी Gr.-B होता हैI कठोर परिश्रम से अर्जित इंजीनियरिंग उपाधि का मूल्य रेलवे फिलहाल एक सामान्य कर्मचारी स्तर पर भर्ती करने हेतु जितना मानता है I महोदय इसके पीछे ऐतिहासिक कारण हो सकते हैं परन्तु यह आवश्यक नहीं  कि वह कारण आज स्वतंत्रता के 74 वर्ष बाद भी प्रासंगिक, औचित्यपूर्ण, संवैधानिकत: उचित विधिमान्य और नैतिकता से युक्त हों I

    प्रधानमंत्री जी आपने स्वतंत्रता के बाद से चले आ रहे न जाने कितने अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को रद्द किया है I हम सब इस पत्र के माध्यम से  आपकी ओर आशा भरी दृष्टि  से देख रहे हैं कि आप हम सबकी मार्मिक मानसिक पीड़ा, शैक्षिक योग्यता निरादर, सामाजिक निरादर, आर्थिक क्षति, वर्जित पदोन्नयन पथ(Barred Career Progression)  आदि का संज्ञान लेंगेI इस हेतु जवाबदेह लोग अक्सर यह तर्क देकर दिग्भ्रमित करते हैं कि- The classification of Posts in Railways is upheld in judicial challenges owing to its unique structure & functioning  परन्तु महोदय न्यायिक व्यवस्था ने यह इसमें कहीं भी नहीं कहा है कि-“Persons in service be barred from from their Due share & due opportunity in contravention of Indian constitution.”  महोदय, आपका ध्यान निम्न मुद्दों की ओर सविनय आकृष्ट करते हुए पीड़ित अभियंता आपसे  विचार  करने की प्रार्थना करते हैं| महोदय,हमें विश्वास हैं कि आप हम सबकी मार्मिक मानसिक पीड़ा, शैक्षिक योग्यता निरादर, सामाजिक निरादर, आर्थिक क्षति, वर्जित पदोन्नयन पथ (Barred Career Progression) आदि पर गौर करते हुए निम्न  मुद्दों पर सकारात्मक संज्ञान लेंगे:-

  1. रेलवे के अकाउंट, मेडिकल और शिक्षा विभाग की तरह रेलवे में कार्यरत अभियंताओं  को भी 4 साल के टाइम स्केल में 4800 और 5400 ग्रेड पे का लाभ प्रदान किया जाए|
  2. डीओपीटी और रेलवे केडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार SSC की तर्ज पर 4200(L-6) और 4600(L-7) ग्रेड पे पर भर्ती होने वाले रेल इंजीनियरों को भी ग्रुप बी का दर्जा प्रदान किया जाए|
  3. रेलवे में Higher Recruitment Qualifications के आधार पर  डायरेक्ट भर्ती होने वाले रेल अभियंताओं का Career Progression सुनिश्चित किया जाय जिससे वें अपने सेवाकाल में कम से कम एक सुनिश्चित पद (Assured Post) तक पदोन्नति प्राप्त करें [अभी अधिकांश अभियंता जिस पद पर भर्ती हुए हैं पूरी  सेवा  के बाद  उसी पद से ही रिटायर हो जाते हैं या सिर्फ एक पदोन्नति ही हो पाती है]
  4. अन्य केंद्रीय विभागों की तर्ज पर रेलवे में एलडीसी परीक्षा बंद करके विभागीय पदोन्नति के लिए डीपीसी प्रणाली अपनाई जाए|
  5. रेलवे में ढांचागत सुधार के लिए खन्ना कमिटी, सैफ्टी टास्क रिपोर्ट और रेलवे पोस्ट क्लासिफिकेशन रिपोर्ट की सिफारिशों को लागू करके सभी  केंद्रीय विभागों के ग्रुप ए, ग्रुप बी और ग्रुप सी के औसत के अनुसार भारतीय रेलवे में भी कंबाइंड कैडर रिस्ट्रक्चरिंग करवाई जाए|

            महोदय, वर्तमान में रेलवे में व्याप्त  उपर्युक्त दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में रेलवे के अभियंताओं का मनोबल गिरता जा रहा है व वर्तमान व्यवस्था के प्रति असम्मान बढ़ता जा रहा है जो एक विस्फोटक असंतोष की ओर अनचाहे ही उद्द्यत हैI  विगत कई वर्षों से इस सम्बन्ध में माननीय सांसदों,राजनेताओं को ज्ञापन देकर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लोकसभा में भी यह मुद्दा कई बार उठा, परन्तु न ही समाधान हुआ न ही अपेक्षाओं का ध्यान रखा गयाI  पूर्व के माननीय रेल मंत्री महोदय  के लम्बे कार्यकाल में भी उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया जबकि असंतोष की अग्नि भीतर ही भीतर प्रज्जवलित थीI इन अनअपेक्षित अत्यधिक मानसिक पीड़ा और सामाजिक निरादर की परिस्थितियों के मध्य आपसे अनुग्रह की महती आशा और विश्वास के साथ हमें उम्मीद हैं कि  आप हमारी इन दिक्कतों का उचित निदान जरूर करोगे I

           इस चिर अपेक्षित  सम्मान स्थापना हेतु भारतीय रेल के सभी अराजपत्रित अभियंता एवं उनके परिवार आपके ह्रदय से आभारी रहेंगे I

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