सभी जीवों के प्रति सुरक्षा

सभी जीवों के प्रति सुरक्षा
1991-1992 में केंद्र प्रयोजित कार्यक्रम के रूप में हाथी परियोजना शुरू की गई थी। वर्तमान समय में केेरल ऐसा राज्य हैै जो हाथी की संख्या में तीसरे स्थान हैंं।
परंतु केरल में हुई मादा हाथी , जो गर्भवती थी । मानव के दुराचारी के कारण उसकी हत्या हो गई। पता नहीं हर रोज ऐसी कितनी घटनाये होती है जिससे कई प्राणियों को जीवन नष्ट हो जाता हैं। जब हमें इनमें से कुछ की जानकारी मिलती है तो हम कुछ समय के लिए उन पर ध्यान दे देते है फिर कुछ दिनों के बाद भूल जाते हैं। अगर इन बातों पर हम पहले से ही धयान दे तो ऐसे घटना होगी ही नहीं। उदहारण के लिए: जिस इंसान ने उस हाथी को वो बारूद भरा अनानास उसने किसी न किसी को बताया ही होगा , अगर उस इंसान को कोई रोक लेेता तो आज उस मादा हाथी ओर उसकी शि शु की जान नहीं गई होती।
वर्तमान युग मे मानव यह भूल बैठा है कि वो वनस्पति तथा वन्य प्राणियों के समान पर्यावरण का अंग हैं। भारतीय संविधान के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होता हैं की वो सभी जीवों के प्रति दया रखे
जिस भी इंसान ने इस अपराध को किया है तथा जिसने जानते हुई भी इस इंसान को नही रोका उसने पर्यावरण और संविधान दोनो के नियमों का खंडन किया हैं । इसे कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिये ताकि कोई इसे दोबारा न कर पाए।