डॉ. धर्मवीर भारती भारत रत्न दें

डॉ. धर्मवीर भारती भारत रत्न दें
यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

हम भारत सरकार से हिंदी के प्रख्यात साहित्यकार डॉ. धर्मवीर भारती को भारत रत्न देने की मांग करते हैं। आज़ादी के बाद की देश के नव निर्माण काल में डॉ. भारती उन विरले साहित्यकारों में थे, जिन्होंने भारत और भारतीयता को महत्व दिया। और भारतीय जीवन मूल्यों का अनुशीलन किया। धर्मयुग के संपादक के तौर पर भी उन्होंने इस काम को आगे बढ़ाया, और धर्मयुग ने लगभग ३० साल इस काम को बखूबी अंजाम दिया। उसने समूचे मध्य वर्ग का मूल्य और मानक तय किये। डॉ. भारती ने हिंदी और दूसरी भारतीय भाषाओँ के बीच बहुत मज़बूत रिश्ते कायम किये। उनके संपादन में धर्मयुग केवल हिंदी जगत की नहीं, बलिक समूचे देश की पत्रिका बन गयी थी।
डॉ. भारती को भारत रत्न देने से सभी भारतीय भाषाओं का मान बढ़ेगा, उन्हें मज़बूती मिलेगी, उनकी बीच परस्पर सहयोग और सत्कार के रिश्ते बढ़ेंगे, और देश को एक नयी सांस्कृतिक मज़बूती मिलेगी। इससे हमारी कई शास्त्रीय भाषाओँ को वैश्विक स्तर पर भी पहचान ,मिलेगी।
डॉ. भारती को भारत रत्न देने से देश को भाषायी गुलामी से मुक्ति मिलने की शुरुआत होगी। इससे देश के ८० फीसदी से अधिक लोगों को उनकी अपनी भाषा-बोली मिल जाएगी, और उनका समुचित विकास होगा।