ट्रैफिक नियम बस एक मज़ाक बनकर रह गए हैं!

ट्रैफिक नियम बस एक मज़ाक बनकर रह गए हैं!

शुरू कर दिया
7 मई 2019
को पेटीशन
Shri Nitinbhai Patel (Deputy CM, Road and Building, Gujarat) और
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यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

द्वारा शुरू किया गया Dr Mahesh Shah DM(Cardiologist)

एक भयानक सड़क हादसे में मेरे सहकर्मी डॉ तुषार पटेल की जान चली गई। वो अहमदाबाद के एक युवा कार्डियक सर्जन थे। सड़क हादसे में उनकी कोई गलती नहीं थी। एक मिनी ट्रक वाला जो गलत दिशा में चला रहा था, उसने सामने से उनकी कार को जोर से टक्कर मारी थी।

अहमदाबाद का एक निवासी और एक डॉक्टर होने के नाते मुझे हमारे शहर की यातायात व्यवस्था से डर लगता है, चिंता होती है। दिसंबर 2017 में गुजरात रोड सेफ्टी अथॉरिटी एक्ट पास होने का बाद भी उसका अमल देखने को कम ही मिलता है।

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन धड़ल्ले से होता है। बल्कि नियम तोड़ने वाले खुद को माचोमैन समझते हैं। भ्रष्टाचार और ट्रैफिक पुलिस की उदासीनता का नतीजा है कि ट्रैफिक नियम बस एक मज़ाक बनकर रह गए हैं। किसी को कानून का डर ही नहीं!

ट्रैफिक पुलिस का भ्रष्टाचार रोकने के बाबत : ट्रैफिक पुलिस के व्यवहार और कार्य प्रणाली का औचक निरीक्षण किया जाए जिससे भ्रष्ट अफसरों में डर होगा।

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन रोकने : सीसीटीवी कैमरा, रडार से गति नापना और ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन देखने पर प्रशासन से आसानी से शिकायत कर पाने का एक तंत्र होना चाहिए।

फिलहाल ड्राइविंग लाइसेंस मिलने की प्रक्रिया भी भ्रष्टाचार से मुक्त नहीं, इसमें सुधार हो ताकि अच्छे ड्राइवरों को ही लाइसेंस मिले।

ये सबकुछ मुमकिन है अगर प्रशासन कार्रवाई करे। परिवहन मंत्रालय, आरटीओ कमिश्नर सख्ती से इन नियमों का पालन सुनिश्चित कर सकते हैं।

इस पेटीशन के माध्यम से मेरी मांग है कि गुजरात रोड सेफ्टी अथॉरिटी एक्ट का सही तरीके से अमलीकरण हो।

ट्रैफिक नियमों का पालन करना और करवाना बेहद ज़रूरी है ताकि बिना किसी गलती के किसी भी नागरिक की जान ना जाए।

 

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