Due Honor to first president of India

Due Honor to first president of India
Why this petition matters

भारत रत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद जी जिनकी श्रद्धा सम्मान में यकीनन समूचे राष्ट्र का सिर झुक ही जाता होगा चाहे कोई दल हो, वर्ग हो अथवा क्षेत्र हो। मगर हमारा दुर्भाग्य है कि आधिकारिक तौर पर इनकी सामूहिक स्मृति बिसरा सी दी गई। याद तो बेशक सब इन्हें पूरी श्रद्धा भाव के साथ करते हैं लेकिन देश की आजादी, अखंडता पर जीवन समर्पित कर देने वाले इस विराट व्यक्तित्व की जन्मतिथि को संविधान दिवस, राष्ट्रपति दिवस, अधिवक्ता दिवस, चित्रांश दिवस, ज्ञान दिवस आदि आदि नामो से सब अलग अलग अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं और हां सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक अवकाश या एक नियत स्मृति निर्धारण नहीं है।
इस बात में कोई शक नही की उनमें इतनी खूबियां विद्यमान थीं। वह तो विलक्षण व बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। मेरा तो सभी देशवासियों से इतना निवेदन है कि यह विभूति विराट व्यक्तित्व की स्मृति सम्मान के लिए भारत सरकार से मांग करना चाहूंगा कि इनकी जन्म और पुन्य तिथि को यादगार बनाने के लिए कोई खास पहल करे।
3 दिसम्बर को बिहार प्रान्त के जिला सिवान स्थित जीरादेई में जन्मे इस असाधारण प्रतिभा ने बचपन से ही अपनी बुद्धिमत्ता के प्रमाण देने शुरू कर दिए थे दोनों हाथों से लिखने की अद्भुत कला विद्यमान थी। माँ सरस्वती के वरदपुत्र डॉ राजेन्द्र प्रसाद को उनके शिक्षक ने कहा था examinee is better than examiner. जब गांधी जी गोल मेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए तैयार थे तो उनके महत्वपूर्ण दस्तावेज गुम हो गए जो कहीं मिल नही रहा था तो डॉ राजेंद्र प्रसाद ने मुहजुबानी बोलकर टाइप करवाया जो उनके दस्तावेज का हूबहू था। वे साहित्य, विधि, राजनीति में, शिक्षा आदि क्षेत्रों में भी अद्वितीय थे। और यह तो सभी जानते ही हैं वह संविधान निर्मात्री सभा के भी अध्यक्ष थे फिर भी बाबा साहब अंबेडकर जैसा सम्मान उन्हें प्राप्त नहीं हो पाया।
हर भारतीय के दिल मे बसने वाले परम श्रधेय "राजेन बाबू" का अंतिम समय बेहद कष्टमयी रहा और पटना के सदाकत आश्रम के एक छोटे से सीलन भरे कमरे में बीता। 28 फरवरी 1963 को लोकप्रिय विभूति ने अंतिम सांस ली।
ईमानदारी से देश की इस विभूति की स्मृति मैं इनके जन्मस्थली जीरादेई बिहार में एक भव्य मूर्ति गुजरात में बने सरदार पटेल की तरह बने तो अच्छी बात होगी। लोगोसे आग्रह है जुड़ते जाओ सन्देश का दायरा बढ़ाते जाओ ताकि सरकार तक पहुंच सके और राजेंद्र बाबू को उचित सम्मान दिया जा सके।