lines associated with Jain "Namokar Mantra" mentioned from all your publications

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यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

मा. चेअरमन एवं ट्रस्टीगण,
दादा भगवान फाउंडेशन,
त्रिमंदिर संकुल, सीमंधर सीटी, अहमदाबाद-कलोल हाईवे,
अडालज, जी. गांधीनगर,
गुजरात - 382421.
फोन - (079) 23974100
Email - info@dadabhagwan.org
मा. महोदय,
हाल ही में हमने आप के ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित पूज्य दादा भगवान कथित "वर्तमान तीर्थंकर श्री सीमंधर स्वामी" पुस्तिका में दिया हुआ त्रिमंत्र देखा|
उसमें जैन "णमोकार मंत्र" के साथ तीन पंक्तीयां तथा वासुदेव और शिव प्रतिमा जोड दी गई हैं l
जैन "णमोकार मंत्र" मे आपने जोडी हुई तीन पंकतीयां इस प्रकार हैं
"ओम नमो भगवते वासुदेवाय
ओम नम: शिवाय
जय सच्चिदानंद"
ये मूल जैन "णमोकार मंत्र" के तात्विक सिद्धांत के संपूर्ण विपरित है|
इस बात की वजहसे समस्त जैनीयों की भावनाओं को ठेस पहूंची है| उसके लिए हम आपका निषेध करते हैंl
जैन "णमोकार मंत्र" किसी व्यक्तीविशेष अथवा किसी अमूर्त देवता को नमन नहीं करता | ऐसे में जैन तत्व के विरुद्ध जानेवाले मंत्र को जैन "णमोकार मंत्र" के साथ जोड देना मूलमंत्र की अवहेलना हैं | जैन "णमोकार मंत्र" को विरोधी तत्वज्ञान जतानेवाला मंत्र जोडना इतिहास को धुमिल करना तो हैं | इससे मूल जैन तत्वज्ञान में विक्षेप पैदा होता हैं |
अपने इष्टदेवता को नमन या पूजन करने का अधिकार लोगों को अवश्य हैं | हम अन्य समाजों की दैवत संकल्पनाओं को विरोध नहीं करना चाहते हैं l सभी समाजों को जोडने के लिये उनका शुमार अपने प्रकाशनों मे आप स्वतंत्र रुप से, अन्य कहीं भी अवश्य करे | इससे हमें कोई आपत्ती नहीं हैं l परंतू जैन "णमोकार मंत्र" के साथ में नहीं |क्योंकि ये तीन पंक्तीयां "णमोकार मंत्र" से जोडनेसे प्राचीन जैन "णमोकार मंत्र" का ही एक हिस्सा प्रतित होती हैं | इससे जैन "णमोकार मंत्र" के तत्वज्ञान एवं प्राचीनता को धूमिल होती हैं l इससे आने वाली पुश्ते संभ्रमित हो जायेगी |
अत: आपसे निवेदन हैं की, जैन “णमोकार मंत्र” से जोडी गई पंक्तीयां तथा उपरोल्लेखित प्रतिमाएं आप के सभी प्रकाशनोंमे से त्वरित हटाई जाये | जैन धर्म की वैश्विक तत्वधारा को संकुचित न करें l आपसे आग्रहपूर्वक अनुरोध है की, यह दुरुस्ती आप शिघ्र करें |