उचित नियम व मापदंडों पर मिले उज्जैन को पवित्र नगरी का दर्जा
उचित नियम व मापदंडों पर मिले उज्जैन को पवित्र नगरी का दर्जा
यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

पृथ्वी का केंद्रीय बिंदु कहलाने वाली उज्जैन नगरी को कागज़ी तौर पर पवित्र नगरी की मान्यता प्राप्त है, लेकिन लंबे अरसे से पवित्र नगरी के लिए जरुरी मायनों और मापदंडों को अनदेखा किया जा रहा है। पवित्रता की गुहार लगाती उज्जैन नगरी, दशकों से मांस-मदिरा के सेवन को प्रतिबंधित करने के साथ सात्विक आचरण की आस लिए हुए है।
विगत 3 वर्षों से ट्रूपल चैनल द्वारा संचालित किए जा रहे 'उज्जैन पवित्र नगरी' अभियान के अथक प्रयासों का यहां के नेतागण तथा जनप्रतिनिधियों पर कोई असर नहीं हुआ है। इस पहल के तहत प्रशासन से सिर्फ इतनी गुजारिश की गई है कि महाकाल मंदिर परिसर के कम से कम 2 किलोमीटर के दायरे में मौजूद मांस-मदिरा के सेवन को प्रतिबंधित कर, आस्था के इस केंद्र बिंदु के लिए संबंधित दुकानों को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित किया जाए।
ट्रूपल की यही मांग है कि केवल कागजी तौर पर ही नहीं, बल्कि उचित पैमानों के आधार पर उज्जैन को पवित्र नगरी का दर्जा दिया जाए और यहां की आवोहवा में सात्विक आचरण सम्मिलित किया जाए। इस गंभीर और महत्वपूर्ण विषय को लेकर आपका मत हमारे लिए बहुत मायने रखता है।