कमज़ोर दृष्टि के कारण किसी से नौकरी का हक़ मत छीनो!

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शुरू कर दिया
को पेटीशन
IOCL और

यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

द्वारा शुरू किया गया Pritha Kushwaha

सभी को नमस्कार,

मैं, पृथा कुशवाहा, एक सिविल इंजीनियर हूँ। मेरे परिवार का हर सदस्य मुझे सिविल के बजाय कंप्यूटर साइंस चुनने के लिए मजबूर कर रहा था। लेकिन नहीं! मुझे पैसे की चिंता नही थी, मैं अपने देश की प्रगति के लिए कुछ करना चाहती थी।

लोग मुझसे कहते - "तुम एक लड़की हो, फील्ड की नौकरियों में लड़कियों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जल्द आपकी शादी होगी, आगे जाकर आप माँ बनेंगी, फ़ील्ड की नौकरी कैसे संभालेंगी?” लेकिन में अपने फ़ैसले पर अड़ी रही। सच कहूं तो पढ़ाई में मैं बहुत अच्छी थी। मैंने अपने ग्रेजुएशन के चार वर्षों में क्लास में टॉप किया। मैंने सिविल इंजीनियरिंग श्रेणी के लिए अपने विश्वविद्यालय (AKTU, लखनऊ) में यूपी में 8वीं रैंक भी हासिल किया था।

उसके बाद, मैं इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा (ESE) की तैयारी में लग गई। मुझे विश्वास था कि मैं इस परीक्षा को आसानी से पार कर पाऊँगी। लेकिन, दुर्भाग्य से मैं वहां तकनीकी पदों के लिए एलिजिबल ही नही हूँ। इसलिए नहीं कि मैं एक लड़की हूं, बल्कि इसलिए कि मुझे मायोपिया है (मैं अपने पास की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकती हूँ, लेकिन दूर की वस्तुएं धुंधली होती हैं)। मेरे मामले में, मायोपिया को आईसीएल (इम्प्लांटेबल कोलामर लेंस) द्वारा ठीक किया जा सकता है। हैरानी की बात है कि वे आईसीएल/आईओएल को ट्रीटमेंट के रूप में स्वीकार ही नहीं करते हैं।

इस आधार पर हमें रीजेक्ट करने की बजाय हमसे एक बॉंड साइन क्यूँ नही करवाया जाता जिसमें हमारे काम के दौरान कमज़ोर दृष्टि की ज़िम्मेदारी हमपर हो, और हमारे नियोक्ता पर नही? साथ ही साथ, एलिजिबिलिटी की बात करते समय, विज्ञापनो में मेडिकल क्राईटीरिया की बजाय सिर्फ़ शैक्षिक क्राईटीरिया ही क्यूँ दिखाया जाता है? 

अगर आपकी अस्वीक्रती, आपकी योग्यता के बजाय इस बात पर निर्भर हो कि आपको मायोपिया है तो आपको कैसा लगेगा? 

कृपया इस आधार पर हो रहे भेदभाव को समाप्त करने में मेरी मदद करें। मेरे और मेरे जैसों के भविष्य के लिए ये पेटीशन साइन व शेयर करें जो वास्तव में प्रतिभाशाली हैं, लेकिन अधिक मायोपिया के कारण लगभग सभी तकनीकी पदों द्वारा अपने देश के लिए काम करने का अवसर खो देते हैं।

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