Abolish *हिंदु धर्म-दान एक्ट 1951*
Abolish *हिंदु धर्म-दान एक्ट 1951*

हिंदु धर्म-दान एक्ट 1951*
चाणक्य ने कहा था कि यदि - किसी धर्म को समाप्त करना चाहते हो तो उसके मठ-मन्दिर व धार्मिक शिक्षा को अपने कब्जे में ले लो।
*यही तो नेहरू ने किया* - मठ मन्दिर को *कांग्रेस, सरकार के सरकारी रास्ते से, दूसरे धर्मों के हवाले किये तथा शिक्षा व्यवस्था को anti Hinduism के रास्ते पर चलायमान कर दिया गया।*
इस एक्ट के जरिए कांग्रेस ने राज्यों को यह अधिकार दे दिया कि वो किसी भी मंदिर को सरकार के अधीन कर सकते हैं। आंध्र प्रदेश सरकार ने लगभग 34,000 मंदिर को अपने अधीन कर लिया था। कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु में भी मंदिरों को अपने अधीन कर दिया था। इसके बाद शुरू हुआ मंदिरों के चढ़ावे में भ्रष्टाचार का खेल।*
*उदाहरण के लिए तिरुपति बालाजी मंदिर की सालाना कमाई लगभग 3500 करोड़ रूपए है। मंदिर में रोज बैंक से दो गाड़ियां आती हैं और मंदिर को मिले चढ़ावे की रकम को ले जाती हैं। इतना फंड मिलने के बाद भी तिरुपति मंदिर को सिर्फ 7% फंड वापस मिलता है, रखरखाव के लिए।*
*आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री YSR रेड्डी ने तिरुपति की 7 पहाड़ियों में से 5 को सरकार को देने का आदेश दिया था।*
*इन पहाड़ियों पर चर्च का निर्माण किया जाना था। मंदिर को मिलने वाली चढ़ावे की रकम में से 80% "गैर हिंदू" कामों के लिए किया जाता है।*
*तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक हर राज्य़ में यही हो रहा है। मंदिर से मिलने वाली रकम का इस्तेमाल मस्जिदों और चर्चों के निर्माण में किया जा रहा है। मंदिरों के फंड में भ्रष्टाचार का आलम ये है कि कर्नाटक के 2 लाख मंदिरों में लगभग 50,000 मंदिर रखरखाव के अभाव के कारण बंद हो गए हैं।*
*दुनिया के किसी भी लोकतंत्रिक देश में धार्मिक संस्थानों को सरकारों द्वारा कंट्रोल नहीं किया जाता है, ताकि लोगों की धार्मिक आजादी का हनन न होने पाए। लेकिन भारत में ऐसा हो रहा है। सरकारों ने मंदिरों को अपने कब्जे में इसलिए किया क्योंकि उन्हे पता है कि मंदिरों के चढ़ावे से सरकार को काफी फायदा हो सकता है।*
*लेकिन, सिर्फ मंदिरों को ही कब्जे में लिया जा रहा है। मस्जिदों और चर्च पर सरकार का कंट्रोल नहीं है। इतना ही नहीं, मंदिरों से मिलने वाले फंड का इस्तेमाल मस्जिद और चर्च के लिए किया जा रहा है।*
*इन सबका कारण अगर खोजे तो 1951 में पास किया हुआ कॉंग्रेस का वो बिल है जिसे सरदार बल्लभ भाई पटेल विरोध करते हुए जवाहर लाल को डांट दिया था। पर जवाहर लाल ने जमा मस्ज़िद जा कर गोल टोपी पहनी उसी दिन यह बिल पास करा कर राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया।*
*देश में मंदिरो के फंड का इस्तेमाल मस्जिद, चर्च के लिए हो रहा है!
*आचार्य चाणक्य- अगर आप किसी धर्म सम्प्रदाय को तोड़ना या खत्म करना चाहते हैं तो उसके अर्थ को तोड़ दीजिये।*
*यही काम आज हिन्दुओ के साथ हो रहा है।*
*हमे यह बदलना है, हमारे मन्दिरो की आय हमारे गरीब व निर्धनों की शिक्षा संस्कार सभ्यता व सुरक्षा के लिए हो इसके लिए हिन्दू बोर्ड का गठन किया जा रहा है*