Justice for Agra's Daughter Shuchitta
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Why this petition matters
पुलिस लगा रही एफआर पर एफआर, पति दूसरी पत्नी के साथ कर रहा मौज
पत्नी को शादी के तीन साल बाद ही घर से निकाला, तलाक दिए बिना दूसरी पत्नी घर लाया पति, पीड़िता के पक्ष में मदद को उतरी महिला शांति सेना
उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद भी नहीं हो रही आरोपी की अरेस्टिंग, फर्जी कागजात दिखा आरोपी पक्ष ने लिया स्टे।
11 वर्ष से पीड़िता न्याय के इंतजार में है और दूसरी ओर आरोपी पति दूसरी पत्नी के साथ मौज कर रहा है। साक्ष्यों को दरकिनारा कर पत्नी की शिकायत पर पुलिस एफआर पर एफआर लगा रही है। पहली पत्नी को तलाक दिए बिना दूसरी पत्नी से दो बच्चे भी हो गए। सास ससुर भी पति का ही साथ दे रहे हैं। सम्बंधित थाने में सुनवाई नहीं हुई तो पीड़िता ने उच्चाधिकारियों के पास गुहार लगाई। उसे भी दरकिनारा कर दिया गया। थाने में जांच नहीं बल्कि सबूतों को नजरअंदाज कर दो बार मामले में एफआर लगा दी गई। अब पीड़िता ने कोर्ट व सामाजिक संगठन महिला शांति सेना की शरण ली है। 29 अक्टूबर 2021 को 494 का मुकद्मा दर्ज कराया गया है। पीड़िता की मदद को अब महिला शांति सेना भी आगे आई है।
यूथ हॉस्टल में महिला शांति सेना के बैनर तले आयोजित प्रेस वार्ता में पीड़िता (लायर्स कालोनी निवासी) शुचिता बंसल ने बताया कि उसकी शादी 2008 में हाल निवासी 501 रंगजी हाईट्स, गैलाना रोड ,विजय अग्रवाल पुत्र सुरेश अग्रवाल के साथ हुई थी। शादी के बाद से पति व ससुरालीजनों ने दहेज के लिए अपने रंग दिखाना शुरु कर दिया। शुचिता को तीन दिन तक कमरे में बंद रखा और मारपीट की। तीन मार्च 2011 को पड़ोसियों की मदद से शुचिता लहुलुहान हालत में थाने पहुंची। शरीर पर सिगरेट दागे के निशान थे। सभी प्रमुख समाचार पत्रों की सुर्खियां बनी थी यह खबर। थाने में 498 ए का मुकद्मा दर्ज भी हुआ तो ससुरालीजन फरार हो गए। चार्जशीट लगी, लेकिन ससुरालीजनों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर (थाने की फर्जी मोहर बनवाकर) हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। आरटीआई से प्राप्त हुए दस्तावेजों के बाद यह जानकारी हुई कि दस्तावेज फर्जी हैं। इस पर शुचिता ने 15 अक्टूबर 2019 को कोर्ट के माध्यम से न्यू आगरा थाने में एफआईआर (संख्या 757/2019) कराई। लेकिन जांच अधिकारी उपनिरिक्षक विपिन चौधरी ने 27 नवम्बर 2019 को मामले में एफआर लगा दी। पीड़िता ने इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी तो पुनः विवेचना के आदेश हुए। लेकिन जांच के दौरान जांच अधिकारी अनुज फोगाट का ट्रांसफर हो गया। रमित आर्य को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया। जांच में वादिया को लायर्स कालोनी के बजाय कमला नगर निवासी दिखाकर फिर एफआर लगा दी गई। जांच के साक्ष्य भी थाने में जमा नहीं किए गए। उच्चाधिकारियों ने मामले को संज्ञान में लिया तो एफआर की जांच गलत पाए जाने पर रमित आर्य को लाइन हाजिर कर दिया गया। लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिला।
इस दौरान पता चला कि पति विजय ने खुद से 10 वर्ष छोटी लड़की गगनजीत कौर बिन्द्रा से दूसरी शादी कर ली है और उसके दो बच्चे भी हैं। इस पर शुचिता ने 494 का प्रार्थना पत्र एसएसपी कार्यालय में दिया। एसएसपी ने सम्बंधित थाने को (एसएचओ भूपेन्द्र बालियान को) एफआईआर के आदेश भी दिए लेकिन एक महीना पर थाने के चक्कर लगाने पर भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई तो शुचिता ने कोर्ट की शरण ली। 29 अक्टूबर 2021 को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया, 8 नवम्बर को कोर्ट ने शुचिता के दस्तावेजों को सही मानते हुए मामला दर्ज कर 17 नवम्बर 2021 को बयान दर्ज हुए।
Pictures and proofs of judgements