Include Maithili in New National Education Policy as a Mother Tongue.

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2,500 साइन के बाद इस पेटीशन को स्थानीय मीडिया द्वारा कवर किए जाने की संभावना बढ़ सकेगी!
Rajiv Jha ने HRD Minister Of India और को संबोधित करके ये पेटीशन शुरू किया

केन्द्र सरकार के नव National Education Policy मे मैथिली के सम्मिलित नहि कैल गेल अछि । ई सम्पूर्ण मिथिला क्षेत्र के लोक संग अन्याय थिक ।हजारो मैथिल युवा के शिक्षक रुप मे हजार रोजगार भेट सकबाक सम्भावना सेहो खत्म होइत अछि । 

मैथिली के पूर्ण भाषाक दर्जा 1965 मे, संवैधानिक दर्जा 2003 मे भेटल । 2003 मे पटना हाइ कोर्ट के निर्णय अनुसार बिहार के NDA सरकार के मिथिला क्षेत्र मे मातृभाषा मैथिली मे प्राथमिक शिक्षा आरम्भ करबाक निर्देश भेटल रहैक जे एखन धरि लम्बित अछि । 

मैथिलीक इतिहास डेढ़ हजार वर्ष सँ पुरान अछि आ हिन्दीक मात्र पांच सौ वर्षक । शिक्षा नहि हेतैक त' आगामी दू सँ तीन जेनरेशन मे मैथिली विलुप्त भ' सकैत अछि । अपन मातृभाषाक रक्षार्थ सजग होउ । 

भारत एकटा संघीय गणतांत्रिक देश अछि जाहि मे मैथिली भाषी के संख्या 2011 के जनगणना मे 1करोड़ 36 लाख छल । अशिक्षा, उदासीनता आ तंत्र के पक्षपात के कारण वास्तविक संख्या जे लगभग सात करोड़ अनुमानित अछि से नहि रहितहुँ कम नहि। 

भारत सरकार अविलम्ब अपन ड्राफ्ट मे सुधार करैत मैथिली के मातृभाषा मे सम्मिलित करय जाहि सँ भाषा, संस्कृति आ लोक के न्याय भेटैक ।

सजग समाज, सबल समाज 

जय माँ मैथिली !!

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