Issue fix sallery for polytechnic Guest lecturer mp

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यह पेटीशन क्यों मायने रखती है
महोदय,
उपरोक्त विषय में लेख है कि तकनीकी शिक्षा कौशल विकास एवं रोजगार विभाग, मध्यप्रदेश शासन के अन्तर्गत शासकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में कार्यरत अतिथि विद्वान (व्याख्याता/मेहमान प्रवक्ता) जो विगत कई वर्षों से कार्यरत होकर भी शोषणकारी काल खंड रूपी व्यवस्था को सहते हुए अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए मजबूर है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् , नई दिल्ली (AICTE, DELHI) मापदंडों को पूरा करने के बाद भी पॉलिटेक्निक अतिथि विद्वानों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति महोदय भारत सरकार के नाम महामहिम राज्यपाल महोदय मध्यप्रदेश शासन को इच्छामृत्यु ज्ञापन से लेकर माननीय मुख्यमंत्री जी एवं सभी विभागीय प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए लेकिन आज दिनांक तक नियमितीकरण के सम्बन्ध में कोई कार्यवाही नहीं की गई। अतः विधानसभा में विशेष प्रस्ताव पास कर पॉलीटेक्निक एवं इंजीनियरिंग अतिथि विद्वानों की मांगों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जावे।
पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं प्रमुख मांगे इस प्रकार है-
1. म.प्र. शासन के शास/स्वशासी/अनुदान प्राप्त/महिला पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग महाविद्यालयों में एक अलग कैडर अथवा एक ऐसी नीति बनाई जावे एवं जिन महाविद्यालय में पद स्वीकृत नही है सीघ्र ही स्वीकृत कर, सुपरनुमेररी पदत्ति से नियमितीकरण किया जावे।
2. वर्तमान में कार्यरत अधिकतम तकनीकी अतिथि विद्वान शासकीय सेवा की अधिकतम उम्र सीमा को पार कर चुके है। जिसमे से अधिकांश न्यूनतम योग्यता से भी ज्यादा एम.टेक, पीएच.डी के साथ अंर्राष्ट्रीय शोध पत्र इत्यादि योग्यताधारी है, अतः वर्तमान में कार्यरत सभी अतिथि विद्वानो का नियमितीकरण किया जावे।
3. वर्तमान में जिन पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं की पुनः नियुक्ति नहीं हुई है, जल्द ही पुनः नियुक्ति की प्रक्रिया पूर्ण कर सभी अतिथि व्याख्याताओं को एक मुश्त फिक्स वेतनमान दिया जावे और विभाग द्वारा जो भी निर्देश हो समान रूप से लिखित रूप में जारी कर, नियत तिथि से लागू किया जावे।
4. पूर्व की सरकार द्वारा 1986-87 में राज्य शासन के निर्णय से अंशकालीन(तदर्थं) अतिथियों को विधानसभा मे विशेष अधिनियम पास कर नियमित एवं 1994, 2003, 05, 07 में मानवीय आधार पर नियमित किया गया है।
5. उच्च शिक्षा विभाग के महाविद्यालयीन अतिथि विद्वानों के लिए बनाई जाने वाले नियमितीकरण/ स्थायित्व नीति अथवा जारी आदेश को तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिए लागू किया जावे।
6. वर्तमान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के लिये (रु 400 प्रति अधिकतम 3 कालखंड) व्यवस्था 11 माह को समाप्त कर 12 माह किया जावे। एवं उच्च शिक्षा विभाग के अतिथि विद्वानों के समान एकमुश्त न्यूनतम वेतनमान रुपये 30,000 प्रतिमाह दिया जावे।
माननीय महोदय निवेदन है कि विंदू क्रमांक 1 से 6 तक मांगो पर कार्यवाही करते हुए, उच्च शिक्षा विभाग में जारी आदेशानुसार जल्द से जल्द लागू करने हेतु अपने अधीनस्थ प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित करने का कष्ट करे। अन्यथा की स्थति में संघ द्वारा कोई आंदोलन एवं अन्य गतिविधि की जावेगी उसके लिए शासन प्रशासन ही जिम्मेदार होंगे।
धन्यवाद।