कोयला उत्पादन से हो रहे प्रदूषण के संबंध में

कोयला उत्पादन से हो रहे प्रदूषण के संबंध में
सड़क मार्ग के हालात खराब होने के कारण एवं यातायात की संख्या अनुसार सड़क मार्ग का उपलब्ध ना हो पाना इस क्षेत्र के लिए कोयला वरदान की जगह अभिशाप साबित हो रहा है जो क्षेत्र पर्यावरण के मामले में दशकों पहले अव्वल रहा करता था आज सिंगरौली क्षेत्र विश्व में प्रदूषण के मामले में स्थान अर्जित कर रहा है और यहां के जनमानस को प्रतिदिन नई-नई गंभीर बीमारियों से एवं सड़क हादसों से जान गवा करके जीवन यापन करने पर मजबूर होना पड़ रहा है अगर इसका समाधान जल्द से जल्द नहीं निकाला गया तो वह दिन दूर नहीं कि यहां की भी बच्चों में जापान के हिरोशिमा और नागासाकी की तरह अपंगता लेकर के पैदा होंगे अगर कोई इस प्रदूषण का सबसे बड़ा जिम्मेवार है तो वह है सिंगरौली जिले का प्रशासन एवं नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड के अधिकारी जिन्हें कोयला के सिवा और कुछ नजर ही नहीं आता यहां तक कि प्रतिदिन इस क्षेत्र में लगभग 100 टन बारूद का विस्फोट किया जाता है और दीपावली जैसे त्योहारों में एक 2 टन बारूद विस्फोट करने पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है यहां के प्रशासन को जनता के स्वास्थ्य के बारे में चिंतन करते हुए प्रदूषण को खत्म करने के सरल उपाय करने चाहिए जिससे कि यहां पर बसे हुए लोगों का जीवन यापन का स्तर सुधर सके सड़क मार्गो को दुरुस्त करके कोयला ढुलाई में लगे वाहनों को अंडर लोड दुलवाई के साथ-साथ बंद कनस्तर कंटेनर में करवाया जाए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने कई बार इसके लिए आदेश भी जारी किए हैं परंतु जिला प्रशासन उसे लागू करवाने में असक्षम रहा है