MBBS FEE BURDEN

MBBS FEE BURDEN

Started
1 August 2020
Petition to
CM Ashok Gehlot and 2 others
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Why this petition matters

Started by Raman Dadhich

एमबीबीएस में दाखिला नीट की परीक्षा दे कर होता है।परीक्षा का परिणाम आने के बाद सीटें काउंसलिंग से भरी जाती है। जिसमे दो प्रकार की काउंसलिंग होती है,पहली ऑल इंडिया की तथा दूसरी स्टेट की। इसमें सभी राज्यो की 15% सीट ऑल इंडिया स्तर पर भरी जाती है तथा शेष 85% सीट राज्य अपने छात्रों के लिए रखते है। 

सभी राज्य एमबीबीएस कॉलेज में फीस में समानता रखते हुए पूरी सीटें भरते है। जिसमे 15% तथा 85% सबकी फीस समान रहती है। पर राजस्थान ही ऐसा राज्य है जहां ये समानता नहीं है। यहां पर 85% सीट जो राज्य के छात्रों को मिलती है उसमे भी फीस में अंतर कर रखा है। और इस तरीके से छात्रों को लूटा जा रहा है। 

यहां पर 85%सीट को भी तीन भागो में बांट दिया। 35%जिसकी फीस मात्र 52000है तथा 35%जिसकी फीस 7.5लाख है और 15% जिसकी फीस 15लाख से ज्यादा है, ये फीस एक साल की है। इस फीस को देखे तो पूरे देश में कई राज्यो के प्राइवेट कॉलेज से भी ज्यादा है यह फीस। एक छात्र का सपना होता है कि वो सरकारी कॉलेज से पढ़े। पर यहां तो किसी को परवाह ही भी है। इस प्रकार राज्य के छात्र नीट में अच्छे नंबर लेके भी अपना सपना पूरा नहीं कर पाते। क्योंकि एक मध्यम और गरीब वर्ग के लिए 40लाख से ज्यादा में अपने बेटे को डॉक्टर बनना संभव नहीं है। 

इस फीस से छात्रों को मुक्त करने और प्रतिभावान छात्रों के सपने को पूरा करने के लिए राजस्थान सरकार और स्वास्थ्य अधिकारियों को एक बैठक बुलानी चाहिए। जिसमे फीस में सुधर करना चाहिए। जो निम्न है ---

1. अगर कॉलेज एक है तो एक ही फीस का प्रावधान रखना चाहिए। एक ही स्थान पर एक ही शिक्षा में फीस में अंतर कैसा? तो पूरी 100% सीटें पर समान फीस लेनी चाहिए। 

2. अगर सरकार अपना कोष भरने के लिए मैनेजमेंट कोटा लगाए भी तो उसकी फीस सामान्य फीस से मात्र 1.5 से 2 गुना होनी चाहिए। वर्तमान फीस सामान्य से 15 गुना अधिक है जो अनुचित है। 

एक सरकारी कॉलेज के एमबीबीएस छात्र की तरफ से आपसे अनुरोध है इन ऊपर लिखी दोनो बातो में से कोई एक बात माने। 

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