हरेला राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित हो

हरेला राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित हो

शुरू कर दिया
18 जुलाई 2022
हस्ताक्षर: 56अगला लक्ष्य: 100
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यह पेटीशन क्यों मायने रखती है

द्वारा शुरू किया गया DHAD UTTARAKHAND धाद उत्तराखंड

■ पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में जुलाई में मानसून आता है। यह मौसम पौधों को लगाने, बचाने और पनपने के लिए सबसे अच्छा है। 
■ इसी समय श्रावण संक्रांति के दिन उत्तराखण्ड में हरेला लोकपर्व मनाया जाता है। जिसमें बीज बोए जाते हैं और पौधे रोपे जाते हैं। 
■ यह एक सांस्कृतिक पर्व है। इसमें लोककल्याण की भावना के साथ ही दुनिया की हरियाली की कामना भी निहित है। 
■ इस मौसम में लगाए गए अधिकांश पौधे बच और पनप जाते हैं जबकि अन्य मौसम में रोपे गए 60 प्रतिशत से अधिक पौधे बच नहीं पाते। 
■ आज दुनिया पर्यावरण, पारिस्थितिकी और जलवायु संकट के भयावह दौर से गुजर रही है।
■ अतः न केवल भारत अपितु दुनिया के पर्यावरण की रक्षा के लिए हरेला को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित करें ताकि लगाया गया हर पौधा बचे, पनपे और दुनिया को सजाए व बचाए!

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