6 करोड़ गरीब असहाय निवेशकों को मिले न्याय ?
6 करोड़ गरीब असहाय निवेशकों को मिले न्याय ?
प्रजातंत्र में राजतंत्र की लूट ।
दोस्तों इस पेटिसन में आगे बढ़ने से पहले उपर दिया गया वीडियो अवश्य देंखे ।
दोस्तों यह पिटीशन पीएसीएल इंडिया लिमिटेड एक बहुराष्ट्रीय कंपनी से पीड़ित आज 5 करोड़ 85 लाख निवेशक को के 49000 करोड रुपया सेबी विभाग जैसी संस्था के हाथों में है क्योंकि सेभी विभाग की तरफ से यह 2014 में प्रतिबंध हो गई थी और इसकी देनदारी का जिम्मा SEBI viभाग और आरएम लोढ़ा जी की देखरेख में किया जाना था आरएम लोढ़ा जी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त किया गया था इस कमेटी ने किया pacl India limited property बेचकर निवेशकों का पैसा देना था लेकिन 2018 से पैसे देने का जो प्रोसीजर चलाया गया और अब 2021 तक केवल sebi विभाग और आरएम लोढ़ा ने अब तक 400 करोड़ का ही भुगतान छोटे-मोटे टूटे-फूटे खाता वालों का ही किया है यानी के ढाई हजार 500 ,1000, 10000 तक का ही रिफंड अभी तक चालू किया है अब तक की देनदारी 1200000 निवेशकों को ही की है जबकि निवेशक ओं की संख्या 5 करोड़ 85 लाख से भी ज्यादा है रिफंड प्रोसीजर से निवेशक असंतुष्ट क्योंकि रिफंड प्रोसीजर बहुत धीमी और कछुआ चाल से चल रहा है ऐसे में बड़े निवेशकों का पैसा मिलने में एक दशक से ज्यादा लग जाएगा इन्हीं सब कारणों के चलते हम सभी पीड़ित निवेशक और एजेंटों से अपने पैसे के हक के लिए इस मुहिम से जुड़ने के लिए हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं ताकि न्यायालय तक हम अपनी आवाज को पहुंचा सके और हमारा हक हमें सरलता पूर्वक मिल सके हमने जंतर मंतर और रामलीला ग्राउंड दिल्ली राजधानी स्थित पर लाखों की संख्या में धरना किया और सरकार ने उन्हें इग्नोर कर दिया यहां तक कि उन्हें प्रशासन के द्वारा पुलिस ने भी निवेशकों को परेशान किया हमारे सभी धरने असफल रहे क्योंकि सरकार ने कोई भी हमारे लिए सहयोग नहीं किया कोई आश्वासन नहीं दिया और पीएसएल इंडिया लिमिटेड 1982 से भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड थी जिसके रजिस्ट्रेशन को देखकर हमने अपना पैसा इस बहुराष्ट्रीय कंपनी में लगाया आज अचानक अट्ठारह 20 साल के बाद इस कंपनी को बंद कर दिया गया निवेशकों का पैसा ऑनलाइन प्रोसीजर से चालू करने का काम सेबी विभाग के हाथों में है हम सभी 5 करोड़ 85 लाख निवेशकों को न्याय दिलाने के लिए न्यायालय में अपनी पिटीशन दाखिल करेंगे इसके लिए सभी निवेशक और एजेंट यहां पर साइन करें धन्यवाद जय हिंद जय भारत.