अव्वल तो नागरिकता कानून की जरूरत इसलिए कोई नहीं है क्यूकि अगर कोई पडोसी देशो से यहा आया भी है तो जिस बार्डर से आया जिस समय आया उस सेना का अधिकारी दोसी है और जिन संस्थाओ के जरिये आधार कार्ड, ड्राराइव्निग लाइसेंस राशन कार्ड दे रखे वो संस्थाए जिममेवार है उन सभी की गलती और कोताही की सजा किसी के पूरे परिवार को नहीं दी जा सकती है इसलिए उन्हे डंडित किया जाना चाहिए
देश मे आत्महत्या की घटनाए बढ़ेगी क्यू कि ये बिल बिलकुल ऐसा ही है जैसे कई नस्लो से बाइज्जत जिन्दगी गुजारने वालो को वो सरकार जिसे हमने वोट देकर सत्ता तक पहुंचाया वही एक बेहूदा जाहिलाना कानून बनाकर 2019 मे आचानक नाजायेज बताकर जलील करने लगे।
सम्मान से बढ़ कर कोई चीज नहीं होती इसके लिए लोग जान लेते भी हैं और जिल्लत से बचने के लिए जान देते भी हैं, समय का पहिया उल्टा ना घुमाया जाए वरना देश कितने टुकड़ो मे बटेगा गिनती नहीं कर सकते